Details, Fiction and baglamukhi shabhar mantra



Then by keeping ‘Dakshina’ or some gifts from the hand of the Woman, search for her blessings and chant this mantra 1 hundred and eight instances from the night time and pray again to punish the enemy.

हस्ताभ्यां पाशमुच्चैरध उदित-वरां वेद-बाहुं भवानीम् ।।

ज्वलत्-पद्मासन-युक्तां कालानल-सम-प्रभाम् । चिन्मयीं स्तम्भिनीं देवीं, भजेऽहं विधि-पूर्वकम्।।

तां खेचरां स्मेर-वदनां, भस्मालङ्कार-भूषिताम् । विश्व-व्यापक-तोयान्ते, पीत-पद्मोपरि-स्थिताम् ।।

The term 'Shabar' originates from the Hindi language and refers to a certain kind of mantra that is straightforward, effective, and simple to pronounce. These mantras have been mainly utilized by the popular folks who weren't effectively-versed in Vedic rituals and Sanskrit chants.

You'll find many Baglamukhi Mantras that exist, and every mantra has a certain benefit to provide. A person will have to know about Every single mantra and increase them for their plan for the prosperous daily life.

Based on the historic Tale, Goddess Parvati asked Lord Shiva to share a mantra that might be quickly understood and practised by All people, in spite of their caste or social status.

मंत्र प्रयोग से पूर्व कन्या पूजन करते हैं किसी भंगी की कन्या(जिसका मासिक न प्रारम्भ हुआ हो) का पूजन करते हैं, एक दिन पूर्व जाकर कन्या की माँ से उसे नहला कर लाने को कहे फिर नए वस्त्र पीले हो तो अति उत्तम, पहना here कर, चुनरी ओढ़ा कर ऊँचे स्थान  पर बैठा कर, खुद उसके नीचे बैठे व हृदय में भावना करे कि मैं माँ का श्रिंगार व पूजन कर रहा हूँ, इस क्रिया में भाव ही प्रधान होता है

चतुर्भुजी बगला (मेरु-तन्त्रोक्त) गम्भीरां च मदोन्मत्तां, तप्त-काञ्चन-सन्निभाम् । चतुर्भुजां त्रि-नयनां, कमलासन-संस्थिताम

पीतार्णव-समासीनां, पीत-गन्धानुलेपनाम् ।

शाबर मंत्रों को साधने के विघान कुछ विशेष ही होते है। कुछेक जल में रह कर, कुछ शमशान तिराहे पर, चौराहे पर यहाँ सहज ही सरल विधान दे रहे हैं, किसी भी मंगलवार, इतवार,बृहस्पतिवार या अस्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल, मीठे तेल या शुद्ध घी के साथ एक चुटकी हल्दी के साथ यह दीपक जलाकर व साघक साधना के समय पिले वस्त्रों को धारण करें और पीला तिलक लगा कर देवी चित्र या मूर्ति का पूजन हल्दी से करें व पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से कोई भी एक का जप करें तथा पिला ही भोग लगावें इस प्रकार ४३ दिवस तक करने से कार्य में अवश्य ही विजयी प्राप्ति होती है यहा केई बार तो चार ,छै: दिनों में ही सफलता हाथ लगती है।

साबधान गुरू कृपा अत: दिक्षा के विना ये प्रयोग कतापी ना करें शत्रू दुबारा प्रत्यगरा , विपरीत प्रत्यंगरा आदि प्रयोग होने पर साघक को भयंकर छती का सामना करना पड़ सकता।

यदि आपको इन मन्त्रों का प्रभाव देखना है तो निर्देशानुसार इनका साधन कर अभीष्ट की प्राप्ति करें। ये मन्त्र किस प्रमाणिक ग्रन्थ में हैं, यह कुछ स्पष्ट नहीं है। प्रमाण केवल यही है कि ये गुरुमुख से प्राप्त हैं। शेष जब आप इनकी साधना करेंगे तो प्राप्त होने वाला परिणाम ही इनकी प्रमाणिकता का साक्षी होगा।

Also, so that you can get the whole vibe and the right Vitality in the Baglamukhi mantras, it should be performed in a suitable way. The morning is the best time for chanting the mantras.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *